पावन मझुई नदी के सुरम्य तट पर स्थित इस महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 2011 में हुई।पिता स्व राम बदन दूबे के स्वप्नों को चरितार्थ करने का संकल्प तथा क्षेत्र की उच्च शिक्षा की आवश्यकताओं को देखते हुये अशोक कुमार दूबे द्वारा इस महाविद्यालय को मूर्त रूप दिया गया।स्व राम बदन दूबे का शिक्षा क्षेत्र से लगाव एवं
क्षेत्र के बच्चों को शिक्षित करने की ललक के परिणामस्वरूप ही राम मिलन राम बदन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की स्थापना साठ के दशक में हुई थी कालान्तर में इटंर मानविकी एंव विज्ञान वर्ग की मान्यता मिलने के साथ ही विद्यालय द्वारा पठन पाठन का एक अलग ही मानदंड स्थापित किया गया।इसके साथ ही स्नातक शिक्षा की आवश्यकता को देखते हुये महाविद्यालय की स्थापना पर चितंन आरंभ हुआ।अंततः वर्ष 2010 में क्षेत्रवासियों खासकर छात्राओं की शिक्षा की ललक को देखते हुये महाविद्यालय का निर्माण प्रारम्भ.....
शान्ती देवी रामबदन महाविद्यालय की स्थापना 2011 को हुई थी। यह संस्था बेहतर सुविधाओं के साथ सुसज्जित है। हमारा उद्देश्य पाठ्यक्रम में सुधार और हमारे उच्च योग्य शिक्षकों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास करना है। जिसके द्वारा ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण हो सके, जो राष्ट्रभक्ति से ओत - प्रोत हो, तथा बौद्धिक, एंव आध्यात्मिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हो तथा जो जीवन की वर्तमान चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सके और उसका जीवन सामाजिक कुरीतियों, शोषण एंव अन्याय से मुक्त कराकर राष्ट्र जीवन को समरस, सुसम्पन्न एंव सुसंस्कृत बनाने के लिए समर्पित हो।
डॉ० अर्चना मिश्रा (प्राचार्य)